शुक्रवार, १४ ऑगस्ट, २०२०

चाराक्षरी पंचतत्व

प्रणू चाराक्षरी साहित्य  समूह आयोजित  
सप्तरंगी  महास्पर्धा
फेरी क्रमांक 4
पंच महा भूते


पंचतत्व 
एकत्रित 
असतात
सदोदित          1


भूमी एक
तत्व असे 
जिच्या वर 
सृष्टी  वसे          2

निर्मीलीस
तूच देवा
पंचभूते
आम्हा ठेवा          3

जल तत्व
अनमोल
जाणा सदा
त्याचे मोल          4


जला साठी 
दूर दृष्टी
तेव्हा दिसे 
रम्य सृष्टी           5

पंचतत्वे
असताती
देव रुप
 मानताती             6

सूर्य  चंद्र  
झळकती
सृष्टी  वर
प्रकाशती              6

जीवन ते
नसे शक्य
वायु विणा
ते अशक्य          7

पंच तत्व
मूळ भूते  
असे सारी 
महा भुते             8



वैशाली वर्तक

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