गुरुवार, २८ जानेवारी, २०२१

अभंग अधीर

अधीर  झाले मी ! तव दर्शनास  
मनी एक ध्यास ! सदासाठी             1

मुखी नाम घेते ! करिते रटण
दाखव चरण! तूची आता                 2

कसे आले दिन ! गाठ भेट नाही 
मन वाट पाही  ! भेटण्याची              3

आप्त जना साठी ! जीव हा तुटतो
धीर हा सुटतो  !सदाकाळ                 4

 काय वेळ आली! कशी महामारी !
 कोण आम्हा तारी !तुजवीण              5

 कसा राखू धीर  !  मन  हे अधीर
 जरी मी सुधीर !   ठेवूकैसे               6

करीती प्रयास ! जरी सारे जन
निराशले मन! सकळांचे  !                    7


मन हे अधीर !ये ना उध्दाराया  !
तूच रामराया ! जगताला      !!            8    



वैशाली वर्तक

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा

सरत्या वर्षाने काय दिले

स्वप्न गंध स्पर्धा समूह आयोजित  झटपट काव्यलेखन स्पर्धा  विषय     सरत्या वर्षाने काय दिले  विचार करता मनी  काय मिळाले गत वर्षात  दिले सुख आनं...